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ई व ती में अंतर

हिंदी लिखने में असावधानी के कारण होने वाली भूलों के संबंध में एक ज्ञानवर्धक पोस्ट -- लोग अक़्सर 'ई' और 'यी' में, 'ए' और 'ये' में और 'एँ' और 'यें' में जाने-अनजाने गड़बड़ करते हैं...। कहाँ क्या इस्तेमाल होगा, इसका ठीक-ठीक ज्ञान होना चाहिए...। जिन शब्दों के अन्त में 'ई' आता है वे संज्ञाएँ होती हैं क्रियाएँ नहीं... जैसे: मिठाई, मलाई, सिंचाई, ढिठाई, बुनाई, सिलाई, कढ़ाई, निराई, गुणाई, लुगाई, लगाई-बुझाई...। इसलिए 'तुमने मुझे पिक्चर दिखाई' में 'दिखाई' ग़लत है... इसकी जगह 'दिखायी' का प्रयोग किया जाना चाहिए...। इसी तरह कई लोग 'नयी' को 'नई' लिखते हैं...। 'नई' ग़लत है , सही शब्द 'नयी' है... मूल शब्द 'नया' है , उससे 'नयी' बनेगा...। क्या तुमने क्वेश्चन-पेपर से आंसरशीट मिलायी...? ( 'मिलाई' ग़लत है...।) आज उसने मेरी मम्मी से मिलने की इच्छा जतायी...। ( 'जताई' ग़लत है...।) उसने बर्थडे-गिफ़्ट के रूप में नयी साड़ी पायी...। ('पाई' ग़लत है...।) अब आइए '

लीलाधर जगूड़ी का जीवन परिचय

$$ लीलाधर जगूड़ी $$ ®® संकलनकर्ता- रविन्द्र पुनियां ®® जन्म :- 1 जुलाई 1944, जन्म स्थान:- धंगड़, टिहरी (उत्तराखंड) भाषा :- हिंदी विधाएँ :- कविता, गद्य, नाटक काल- आधुनिक काल युग- नयी कविता युग #रचनाएँ:- #कविता संग्रह :- शंखमुखी शिखरों पर,1964 नाटक जारी है,1972 इस यात्रा में, 1974 रात अब भी मौजूद है, 1976 बची हुई पृथ्वी, 1977 घबराए हुए शब्द, 1981 भय भी शक्ति देता है, अनुभव के आकाश में चाँद, महाकाव्य के बिना, ईश्वर की अध्यक्षता में, खबर का मुँह विज्ञापन से ढँका है #नाटक :- पाँच बेटे #गद्य :- मेरे साक्षात्कार #पुरस्कार:- साहित्य अकादमी पुरस्कार, (मगध रचना के लिए-1987 में) पद्मश्री सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान नोट:- संकलन में कोई त्रुटि हो तो जरूर बताएं| - आपको हमारा संकलन कैसा लगा अपनी राय जरूर दे| ®® संकलनकर्ता- रविन्द्र पुनियां ®®

जयशंकर प्रसाद

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©©© जयशंकर प्रसाद ©©© ®® संकलनकर्ता- रविन्द्र पुनियां ®® जयशंकर प्रसाद (जन्म- 30 जनवरी, 1889 ई., वाराणसी, उत्तर प्रदेश, मृत्यु—15 नवम्बर, सन् 1937), भावना-प्रधान कहानी लेखक। काव्य आत्मा की संकल्पनात्मक अनुभूति है। —प्रसाद शाश्वत चेतना जब श्रेय ज्ञान को मूल चारुत्व में ग्रहण करती है, तब काव्य का सृजन होता है। —प्रसाद काव्य में आत्मा की संकल्पनात्मक मूल अनुभूति की मुख्यधारा रहस्यवाद है। —प्रसाद आधुनिक युग का रहस्यवाद उसी प्राचीन आनन्दवादी रहस्यवाद का स्वभाविक विकास है। —प्रसाद कला स्व को कलन करने या रूपायित करने का माध्यम है। —प्रसाद सर्वप्रथम छायावादी रचना 'खोलो द्वार' 1914 ई. में इंदु में प्रकाशित हुई। -हिंदी में 'करुणालय' द्वारा गीत नाट्य का भी आरंभ किया। #नाटक और रंगमंच प्रसाद ने एक बार कहा था— “रंगमंच नाटक के अनुकूल होना चाहिये न कि नाटक रंगमंच के अनुकूल।” #आरम्भिक रचनाएँ- जयशंकर प्रसाद की आरम्भिक रचनाएँ यद्यपि ब्रजभाषा में मिलती हैं। प्रसाद की ही प्रेरणा से 1909 ई. में उनके भांजे अम्बिका प्रसाद गुप्त के सम्पादकत्व में "इन्दु" नामक मासिक पत्

हरिवंशराय बच्चन

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$$ हरिवंश राय बच्चन $$ ®®® संकलनकर्ता- रविन्द्र पुनिया ®® जन्म - 27 नवम्बर 1907 इलाहाबाद, आगरा, ब्रितानी भारत (अब उत्तर प्रदेश, भारत) मृत्यु -18 जनवरी 2003 (उम्र 95) मुम्बई, महाराष्ट्र, अभिभावक - प्रताप नारायण श्रीवास्तव, सरस्वती देवी पति/पत्नी - श्यामा बच्चन, तेजी सूरी संतान- अमिताभ बच्चन, अजिताभ बच्चन उपजीविका- कवि, लेखक, प्राध्यापक भाषा- अवधी, हिन्दी काल- आधुनिक काल ,छायावादी युग (व्यक्ति चेतना प्रधान काव्यधारा या हालावाद ) - हालावाद के प्रवर्तक #रचनाएं:- #कविता संग्रह :- . तेरा हार (1929),(प्रथम) . मधुशाला (1935), . मधुबाला (1936), . मधुकलश (1937), . निशा निमंत्रण (1938), . एकांत संगीत (1939), . आकुल अंतर (1943), . सतरंगिनी (1945), . हलाहल (1946), . बंगाल का अकाल (1946), . खादी के फूल (1948), . सूत की माला (1948), . मिलन यामिनी (1950), .प्रणय पत्रिका (1955), .धार के इधर उधर (1957), .आरती और अंगारे (1958), .बुद्ध और नाचघर (1958), .त्रिभंगिमा (1961), .चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962), .दो चट्टानें (1965), .बहुत दिन बीते (1967), .कटती प्रतिमाओं की आ

निबंध प्रश्नोत्तरी

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® निबंध प्रश्नोत्तरी ® ® संकलनकर्ता- रविंद्र पुनियां ® 1.' गांधी नीति' निबंध के लेखक कौन हैं - बनारसी दास चतुर्वेदी महादेवी वर्मा जैनेंद्र √√ संपूर्णानंद 2.' हमारा देश और राष्ट्र भाषा' निबंध के रचनाकार कौन हैं महादेवी वर्मा √√ जयशंकर प्रसाद संपूर्णानंद श्यामसुंदर दास 3.' काव्य भाषा और काव्योत्तर भाषा' किस लेखक का निबंध है? नगेंद्र विद्यानिवास मिश्र √√ रामविलास शर्मा रामचंद्र शुक्ल 4. 'अनुसंधान और आलोचना' किसके निबंधों का संकलन है ? नगेंद्र √√ रामविलास शर्मा जयशंकर प्रसाद विद्यानिवास मिश्र 5. 'कालिदास की निरंकुशता' किस लेखक की रचना है? रामचंद्र शुक्ल महावीर प्रसाद द्विवेदी √√ हजारी प्रसाद द्विवेदी रामविलास शर्मा 6.' कविता हृदय को लोकमान्य भाव-भूमि पर ले जाती है' यह कथन किस निबंधकार का का निबंधकार का का है- हजारी प्रसाद द्विवेदी नगेंद्र रामचंद्र शुक्ल डॉ रामविलास शर्मा√√ 7.' साहित्य सहचर' निबंध किसका है? हजारी प्रसाद द्विवेदी √√ महावीर प्रसाद द्विवेदी बालकृष्ण भट्ट महादेवी वर्मा 8.' साहित

भगवती चरण वर्मा

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$$ भगवतीचरण वर्मा $$ ®® संकलनकर्ता- रविन्द्र पुनियां ®® जन्म -30 अगस्त, 1903 जन्म भूमि- उन्नाव ज़िला, उत्तर प्रदेश मृत्यु -5 अक्टूबर, 1981 विषय- उपन्यास, कहानी, कविता, संस्मरण, साहित्य आलोचना, नाटक, पत्रकार। विद्यालय -इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षा - बी.ए., एल.एल.बी. प्रसिद्धि - उपन्यासकार काल- आधुनिककाल काव्यधारा- व्यक्ति चेतना प्रधान काव्यधारा या हालावाद #रचनाएं:- #उपन्यास:- पतन (1928), चित्रलेखा (1934), तीन वर्ष, टेढे़-मेढे रास्ते (1946) अपने खिलौने (1957), भूले-बिसरे चित्र (1959), वह फिर नहीं आई, सामर्थ्य और सीमा (1962), थके पाँव, रेखा, सीधी सच्ची बातें, युवराज चूण्डा, सबहिं नचावत राम गोसाईं, (1970) प्रश्न और मरीचिका, (1973) धुप्पल, चाणक्य #कहानी-संग्रह:- मोर्चाबंदी #कविता-संग्रह:- मधुकण (1932) 'प्रेम-संगीत'(1937) 'मानव' (1940) #नाटक:- वसीहत रुपया तुम्हें खा गया #संस्मरण:- अतीत के गर्भ से ®® संकलनकर्ता- रविन्द्र पुनियां ®® #विशेष_तथ्य:- -' मस्ती, आवेश एवं अहं ' उनकी कविताओं के केंद्र बिंदु माने जाते हैं| - उन